Bhartiya Samvidhan Notes in Hindi Pdf Free – 2023

भारतीय संबिधान भरत का सर्बोच्च कानून है, भारत के प्रत्येक नागरिक को भारतीय संबिधान के बारे में पढ़ना चाहिए इसी लिए इस लेख के माध्यम से Bhartiya Samvidhan Notes in Hindi pdf फाइल प्रदान करा रहे है इस पीडीऍफ़ फाइल को पढ़कर देश का प्रत्येक नागरिक कानून से सम्बंधित अपने ज्ञान में बढ़ोत्तरी कर सकता है, क्योकि भारत के नागरिको का कल्याण भारत का संबिधान को पढ़ने से होगा न की धर्मिक ग्रंथो को पढ़ने से होगा।

अगर आप भारतीय संबिधान को अपने मोबाइल या कंप्यूटर में पीडीऍफ़ के रूप में पढ़ना चाहते है तो उसके लिए हमने Bhartiya Samvidhan Notes in हिन्दी भाषा में प्रदान कराये है जिसे बह लिंक पर क्लिक कर अपने डिजिटल डिवाइस में सेव कर इसे अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ सकते है, तो चलिए निचे के लेख में आज हम भारतीय संबिधान के बारे म विस्तार से जानने की कोशिश करते है।

Table of Contents

Bhartiya Samvidhan Notes in Hindi Pdf:-

भारत का संबिधान इतना बढ़ा है की इसे दुनिया के कई देशो में मॉडल के रूप में प्रसंशनीय है, भारत का संबिधान भारत के प्रत्येक नागरिक को उसके मौलिक कर्तब्यों के बारे में अधियकर दिलाने की बात करता है, भारतीय संबिधान पूरी दुनिया में सबसे लम्बा लिखित संबिधान है।

भारतीय संबिधान के प्राबधान को भारत के सभी नागरिको को भलीभांति समझाना चाहिए, जब तक भारत के लोग संबिधान को पढ़कर अपने मौलिक करतब्य और प्राबधानो को नहीं समझेंगे तब तक हमारे देश में उन्नति नहीं हो सकती और हम ऐसे ही काल्पनिक धरम ग्रंथो में फसे रहकर अपना जीवन और उसका कीमती समय बर्वाद करते रहेंगे।

तो मेरी आप लोगो से यह बिनती है की आप लोग भारत के संबिधान को अच्छे से पढ़े और इसे समझे इसी में ही आपकी भलाई है न की किसी काल्पनिक ग्रंथो में अपना समय बर्बाद करे क्योकि भारत का संबिधान ही है जो हमे हमारे अधिकारों को दिलाता है।

ग्रंथो में तो हमसे हमारे अधिकारों को चीन लिया गया है और हमे जाती धर्म में बाँट दिया है जिससे निकलना बहुत मुश्किल है इसी लिए आपको भारत का संबिधान पढ़ना होगा और अपने मौलिक कर्तब्य और अधिकारों को जानना होगा।

Definition of Bhartiya Samvidhan / भारतीय संविधान की परिभाषा:

भारतीय संबिधान की परिभाषा को इस प्रकार परिभाषित किया गया है की भारत राज्यों का एक संघिये समूह है, यह सरकार की संसदीय प्रणाली के साथ एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक गणराज्य है, और संबिधान के द्वारा सम्पूर्ण भारत की शासन ब्यबस्था को नियंत्रित किया जाता है।

Importance of Bhartiya Samvidhan / भारतीय संविधान का महत्व:

संबिधान का महत्वा हमारे देश में बहुत बढ़ा है अगर संबिधान न होता तो भारत देश को चलने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पढता यह सम्बिधा ही है जो नागरिको के मौलिक अधिकारों को बचाता है, संबिधान के अनुसार ही नागरिको को दिशा निर्देश मिलते है

यह नागरिको का मार्गदर्शन करता है संबिधान के अनुसार ही देश में चलने बाले सरकारी नियमो में उनके बीच सम्बन्ध बनता है और उसमे आने बाले मतभेद को दूर करता है।

Need for Bhartiya Samvidhan Notes in Hindi Pdf / हिंदी पीडीएफ में भारतीय संविधान नोट्स की आवश्यकता

आज के समय में संबिधान की बुक्स को तलाशना कठिन हो जाता है और साधरतः यह किसी छोटे स्टेसशनरी स्टोर पर उपलब्ध नहीं होती है इसी लिए लोग इसे पढ़ने से बंचित रह जाते है यह बहुत बढ़ी बिडम्बना है की धार्मिक किताबे ग्रन्थ सभी स्टोर पर आसानी से मिल जाते है लेकिन संबिधत की बुक्स आसानी से नहीं मिलती है।

Bhartiya Samvidhan Notes in Hindi Pdf

जिससे की भारत में बहुत से लोग इसे आजतक पढ़ ही नाहीउ पाए है जिससे की बह यह जान पाए की बरतिए नागरिक होने के प्रति हमारे क्या कर्तब्य है और क्या मौलिक आधुकर है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए, आज इस लेख में हम Bhartiya Samvidhan Notes in Hindi Pdf फाइल प्रदान कर रहे है जिसे आप अपने मोबाइल में सेव कर सकते है।

और इस पीडीऍफ़ फाइल को आसानी से पने मोबाइल में किसी भी समय पढ़ सकते है और संबिधान में लिखे भारतीय नागरिक के सभी अधिकारों के बारे में जान सकते है।

Overview of the Indian Constitution:-

हमे हमारे भारतीय संबिधान को समझने के लिए उसे कई छोटे छोटे मुख्य बिन्दुओ में बनता गया है जिसे की संबिधान को समझने में आसानी होती है तो चलिए जानते है की बह कौन कौन से मुख्या बिंदु है।

Historical Background / ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

भारतीय संबिधान दुनिया का सबसे लम्बा संबिधान है जिसे दुनिया के कई देशो में मॉडल के रूप में शरहया गया है,भारतीय संबिधान को तैयार करने के लिए एक सभा का चयन किया गया था जिसमे देश के सबसे होसियार और पढ़ेलिखे समझदार लोगो को एक सभा में शामिल किया गया था।

इस सभा का गठन 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजो से आजादी मिलने के बाद किया गया था, इस पूरी सभा प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. बी.आर. अम्बेडकर भारत के पहले कानून मंत्री थे, इस पूरी सभा को भारतीय संबिधान को तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।

और फिर इस संबिधान पूरे देश में एक साथ 26 जनवरी, 1950 को लागू कर दिया था जो आज भी पूरे देश में संचालित होता है जसिके आधार पर भारत की सरकार कोई भी कानूनी नियमो लागु करती है।

Salient Features of the Indian Constitution / भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं:

भारतीय संबिधान एक प्रकार का संघिये संबिधान है, जिसका मतलब है की यह सत्ता केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच विभाजित है, भारतीय संबिधान धर्मनिरपेक्ष सम्बिधा है जो किस भी जाती धर्म बिशेष को वरीयता नहीं देता है भारतीय संबिधान एक लिखित सम्बिधा है जिसे संहिताबद्ध और एक विशिष्ट प्रक्रिया के माध्यम से ही चलाया जा सकता है।

Preamble of the Indian Constitution / भारतीय संविधान की प्रस्तावना:

भारतीय संबिधान की प्रस्ताबना परिचालक कथन है, जो संविधान के आदर्शों और उद्देश्यों को रेखांकित करने का काम करती है, जिसमे पूर्ण रूप से यह कहा गया है की भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र देश है, और भारतीय संबिधान की प्रस्ताबना में यह बचन भी कहे गए है की न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व मूलभूत सिद्धांत है, जो भारतीय संबिधान को मूल रूपसे सुचारु कर उसका मार्गदर्शन करते है।

Structure of the Indian Constitution:-

अगर हम भारतीय संबिधान के स्ट्रक्चर की बात करे तो इसे कुछ महत्वपूर्ण भागो में बांटा गया है जो निचे निम्नलिखित बिन्दुओ के माध्यम से दर्शाया गया है।

Parts of the Indian Constitution / भारतीय संविधान के भाग:

भारतीय संबिधानको भागो में बिभाजित किया गया है जिसे कुल 25 भागो में भिभाजित किया गया है इन 25 भागो में कुछ महत्वपूर्ण भाग भी है जैसे पहले भाग में संघ और उसके क्षेत्रों से संबंधित है, और दूसरे भाग में नागरिकता से संबंधित चर्चा की गयी है, और तीसरे व् पांचवे भाग में मौलिक अधिकारों, राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों और मौलिक कर्तव्यों से संबंधित बिषयो पर चर्चा की गयी है।

Articles of the Indian Constitution / भारतीय संविधान के लेख:

भारतीय संबिधान एक ऐसा महँ दस्ताबेज है जिसमे भारतीय लोकतंत्र के कामकाज की रूपरेखा तैयार की गई है जिसमे प्रस्तावना, 448 अनुच्छेद, 25 भाग, 12 अनुसूचियां और 5 परिशिष्ट को शामिल किया गया है, भारतीय संबिधान को 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया, संबिधान में पिछले कई संसोधन किये गए है।

Schedules of the Indian Constitution / भारतीय संविधान की अनुसूचियां:

भारतीय संबिधान में कुल 12 अनुसूचियाँ है जो मुख्या रूप से मुख्य पाठ के परिशिष्ट हैंइन 12 अनुसूचियों में शपथ और प्रतिज्ञान के प्रकार के साथ साथ संघ और राज्यों के बीच उनकी शक्ति और कार्यों के बितरण और राजयसभा में सीटों के आबंटन जैसी और भी बिषयों पर जानकारी शामिल है इसके साथ ही संबिधान के और भी महत्वपूर्ण पहलुओं को अनुसूचियों में शामिल किया गया है

Fundamental Rights and Duties:-

भारतीय संबिधान के मौलिक अधिकार और मूल कर्त्तव्य क्या है इसके बारे में निचे के लेख में कुछ मुख्या बिन्दुओ के बारे में समझाया गया है अगर आप इन सभी सम्बिधानिक नियमो के बारे में जानना चाहते है तो Bhartiya Samvidhan Notes in Hindi Pdf फाइल को लिंक के माध्यम से अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सेव कर सकते है इससे सम्बंधित हमने निचे के लेख में मुख्य बिन्दुओ के माध्यम से सम्जहय गे है जो निम्नलिखित है।

Definition of Fundamental Rights and Duties / मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की परिभाषा:

मौलिक अधिकारों के क्या कर्तब्य है इसके बारे में परिभाषित है की भारतीय संबिधान के अनुसार मौलिक अधिकार कानूनी अधिकारों का एक समूह है जो भारतीय संबिधान के भाग 3 के अनुसार भारत के सभी नागरिको के उनका हक़ दिलाने में ग्रंटीकृत है।

यह संबिधान के मौलिक अधिकार नागरिक और समाज के समग्र बिकास के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है, इस भाग में नागरिको को समानता का अधिअक्र दिया गया है और इसके साथ ही भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार और शिक्षा का अधिकार भी दिया गया है।

संबिधान के भाग 4A के अन्तर्गत यह बर्णित है की संबिधान का पूर्ण रूप से सम्मान करना है और भाईचारे को बढ़ाबा देना है और इसमें अपने पर्यबरण की रक्षा करना भी शामिल किया गया है किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकार और उसके कर्तब्य भारतीय कामकाज और सामाजिक ब्यबस्था को बांये रखे रहने के लिए यह स्माबिधान के अभिन्न अंग है।

Bhartiya Samvidhan Notes in Hindi Pdf

Types of Fundamental Rights / मौलिक अधिकारों के प्रकार:

  1. भारतीय संबिधान भाग 3 के अनुसार भारत के नागरिक को 6 प्रकार के मौलिक अधिकार देता है जो निम्नलिखित है
  2.  समानता का अधिकार, जिसमे कानून के समक्ष समनता और सम्मान शामिल है
  3.  स्वतंत्रता का अधिकार, इसमें भारतीय नागरिक को भाषण और अभिव्यक्ति, सभा, संघ और आंदोलन की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है।
  4.  शोषण को गलत ठहराया गया है और तस्करी,बालश्रम, और जबर्दस्ती श्रम को गलत ठहराया गया है।
  5.  किसी भी धर्म को स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया हैी जिसमे किसी भी धरम के मैंने बाले लोग को धर्म का आचरण प्रचार करने का अधिकार शामिल है।
  6.  किसी भी नागरिक को सांस्कृतिक और शैक्षिक का अधिकार दिया गया है, इसके तहत किसी भी संस्कृति को बचने का अधिकार और शिक्षा का अधिकार शामिल है।
  7.  भारतीय नागरिक को संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल है यह नागरिको को उनके मौलिक अधिकार दिलाता है और बह अदलात जाने बा उसमे अपनी बात को रखने का अधिकार दिलाता है।

संबिधान के बारे में अभी और भी बहुत कुछ दया गया है अगर आपको बिस्तर से संबिधान के बारे में जानने की जिज्ञाषा है तो हम आपको इस लेख में एक पीडीऍफ़ फाइल प्रदान करा रहे है इसे आप अपंने मोबाइल या कम्प्यूटर में सेव कर लीजिए और अपनी इच्छा के अनुसार इस पढ़ सकते है और बिस्तार से संबिधान के बारे में जानकरी ले सकते है।

Conclusion:-

भारत का संबिधान दुनिअय में सभ देशो के संबिधान से लम्बा हस्तलिखित संबिधान है जिसे कई देश एक मॉडल के तौर पर इसकी प्रशंशा करते है सम्बिधा को कई भागो में बांटा गया है और सभ भागो में अलग अलग नियमो और मूल कर्तब्यो बा अधिकारो के बारे में चर्चा की गयी है।

अगर आप इससे सम्बंधित पीडीऍफ़ फाइल Bhartiya Samvidhan Notes in Hindi Pdf अपने मोबाइल में सेव करना चाहते है तो आपको निचे के लिंक से सेव करनी होगी इससे आपको भारतीय संबिधान के बारे में और अधिक बिस्तर से पढ़ना है तो आप ऊपर के लेख से पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड कर लिंक के माध्यम से अपने डिजिटल डिवाइस में सेव कर सकते है।

और भारतीय संबिधान की बिस्तर से जानकारी ले सकते है दोस्तों इस लेख में हमने आपको भारतीय संबिधान के बारे में कुछ लेख के माध्यम से समझाने की कोशिश की है अगर आप इस लेख के माध्यम से कुछ समझते है या आपको यह लेख अच्छा लगता है तो निचे कमेंट बॉक्स में अपना फीडबैक दे सकते है, असा है की आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा होगा। धन्यबाद!

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